अपनी आवाज से लोगों के दिल में समाने वाली गायिका श्रेया घोषाल सुंदर भी हैं। वे हिंदी फिल्मों की हीरोइन भी हो सकती हैं। स्टार प्लस के रियलिटी शो म्यूजिक का महामुकाबला में श्रेया को देखने वाले दर्शक के मन में भी यह बात आती है। ऐसा हो भी क्यों न? उनमें कुछ ऐसी बात तो है ही। वे खूबसूरत तो हैं ही। कैमरा फेस करना भी उन्हें आता है। लाइट, कैमरा और ऐक्शन जैसे शब्दों से वे वाकिफ हैं। फिर भला वे ऐक्ट्रेस क्यों नहीं बनतीं? वे बताती हैं, मुझे हिंदी फिल्मों में लीड रोल निभाने के ऑफर तो कई आए हैं, लेकिन ऑफर लेकर आने वाले लोगों को मैंने डराकर भगा दिया। मुझे एक्टिंग के ऑफर देखकर ही डर लगता है। गाना भी तो फॉर्म ऑफ एक्टिंग ही है। जब हम गाते हैं, तो बहुत कुछ सोचना पड़ता है। जिस मूड का गाना है, उसी के अनुसार अपनी आवाज और गाने के अंदाज को ढालना पड़ता है। इसी में इतना वक्त गुजर जाता है कि कुछ और करने के लिए टाइम ही नहीं बचता। काश, एक दिन में 48 घंटे होते, तो शायद मैं एक्टिंग के बारे में सोचती।
हकीकत के धरातल पर खुद को रखकर भी श्रेया ने फिलहाल, फिल्मों में एक्टिंग न करने का फैसला किया है। वे बताती हैं, कितनी सारी ऐक्ट्रेस इंडस्ट्री में आ रही हैं? उनमें कितनी अपनी मंजिल तक पहुंचती हैं? इसका जवाब सबको पता है। वही अपना मुकाम बना पाती हैं, जिन्हें अच्छी एक्टिंग आती है। सिर्फ बिग स्क्रीन पर दिखने के लिए मैं एक्टिंग नहीं करूंगी। कोई भी चीज आधे मन से करना मुझे अच्छा नहीं लगता।
ऐक्ट्रेस बनने की संभावना को इंकार करते हुए श्रेया आगे बताती हैं, शो म्यूजिक का महामुकाबला में मैं अकेली गर्ल कैप्टन हूं। इसमें मेरे प्रतिद्वंद्वी हैं शंकर महादेवन, हिमेश रेशमिया, शान, मीका और मोहित चौहान। अकेली गर्ल कैप्टन होने का फायदा मुझे शो की शूटिंग के दौरान मिल रहा है। किसी एपिसोड में अगर मैं नहीं जीतती, तो भी मेरे पास एक्सक्यूज रहता है कि लड़की थी। श्रेया ऐसा क्यों सोचती हैं कि लड़की होने के कारण यदि वे नहीं भी जीतती हैं, तो कोई बात नहीं? वे कहती हैं, कहना तो नहीं चाहिए, लेकिन यह सच है। लड़की अक्सर नहीं जीतती। आजकल कई फिल्में ऐसी आ रही हैं, जिनमें एक भी फीमेल गाना नहीं है। तुम मिले को ही लें, उसके एलबम में कोई फीमेल गाना नहीं था। यह ट्रेंड है और इससे कोई मुंह नहीं मोड़ सकता। पच्चीस वर्ष की कम उम्र में नेम, फेम और सक्सेस पा चुकीं श्रेया को लगता है कि उन्हें जो भी मिला है, वह उनके परिश्रम का फल है। श्रेया कहती हैं, नेम, फेम और सक्सेस तो आपके कर्म के बाई प्रोडक्ट होते हैं। मैंने यह जरूर सोचा है कि मैं जो भी करूंगी, दिल से करूंगी। जब मुझे लगेगा कि अब मुझमें सिंगिंग का पैशन नहीं रहा, वहीं रुक जाऊंगी। कुछ नया करूंगी। अभी ग्रो कर रही हूं। पिछले दिनों ही मुझे नेशनल अवार्ड मिलने की घोषणा हुई है। ऐसे में मैं अभी कुछ और नहीं सोच सकती। यदि ऐसा करूंगी, तो लोगों की नजरों में गिर जाऊंगी। ऐसा कुछ करना सही भी नहीं होगा।
गायिका लता मंगेशकर से जब भी पूछा जाता है कि मौजूदा दौर में उनकी पसंदीदा गायिका कौन हैं? उनका जवाब होता श्रेया घोषाल। खुद के लिए स्वर कोकिला सुनकर श्रेया भावुक हो जाती हैं। वे कहती हैं, लता दीदी से अपनी तारीफ सुनना मेरे लिए बड़ी बात है। उन्हीं की वजह से मैंने गाना शुरू किया, जो मेरी प्रेरणा हैं। उनसे इतनी तारीफ सुनने को मिलती है, तो अच्छा लगता है। मैं आशा करती हूं कि उन्हें कभी निराश नहीं करूंगी। अपने काम से मैं उन्हें हमेशा प्राउड फील कराऊंगी।