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			 मिलन का भक्तिरस मिलन का भक्तिरस
			
				
					गीत-संगीत की दुनिया में मिलन सिंह का नाम आज भी लोगों को याद है। भला याद हो भी क्यों न! उनमें तमाम खासियत जो हैं। वे लड़की होकर मोहम्मद रफी की आवाज में गीत गाती हैं। और भी कई मेल आर्टिस्ट हैं, जिनकी आवाज वे बखूबी गीतों में उतारती हैं। फीमेल सिंगर आवाज के बारे में उन्हें क्या कहा जाए! वर्षो पहले गीत हे जमालो.. गाकर संगीत की दुनिया में धूम मचाने वाली मिलन सिंह इन दिनों चर्चा में हैं एक भक्ति एलबम जय शिव ओंकारा को लेकर। आर विजन द्वारा जारी एलबम जय शिव ओंकारा में आठ गीत हैं। ये गीत शिव की वंदना हैं, उनके गुणगान हैं। श्रोताओं को इन गीतों को सुनना सुहाना लगेगा। एलबम के गीत जय शिव ओंकारा.., मिलकर बढ़ाओ कदम.., कांवरिया चल झूमता गाता.., हे महादेव भोले शंकर तू सबसे बड़ा भंडारी है.., मन तूने मोह लियो रे मेरे.. आदि हैं। 
 गायकी की दुनिया से वर्षो गायब रहीं मिलन सिंह से बात होती है इसी बारे में, वे कहती हैं, मैं संगीत की दुनिया से गायब रह ही नहीं सकती। हां, कुछ ऐसा हो गया था कि मैं मजबूर थी। मैं बीमार रही और मेरे तीन बड़े ऑपरेशन हुए थे। मैं बीस महीने तक बिस्तर ही पड़ी रही। हालत ऐसी थी कि मैं गा नहीं सकती थी। जब मैं ठीक हो गई और डॉक्टर ने कहा कि मैं गा सकती हूं, तो भगवान शिव के गीत लेकर श्रोताओं के बीच आ गई। मुझे उम्मीद है, लोगों को मेरे गाए ये गीत पहले की तरह ही पसंद आएंगे।
 इटावा की मिलन सिंह को बचपन से ही गायकी का शौक था। उन्हें नौ वर्ष की उम्र में पता चला कि वे मोहम्मद रफी की आवाज में गा सकती हैं। वे बताती हैं, तब लोग सोचने लगे कि भला मैं रफी साहब की आवाज में कैसे गा सकती हूं। जब मैंने गाना शुरू किया, तो आवाज जैसे चाहती थी, उसी अंदाज में गाती थी। फिर सिलसिला आगे बढ़ता गया और मैं कामयाबी की सीढि़यां चढ़ती गई। आज इस मुकाम पर हूं कि लोग जानते हैं। मेरे अब तक 26 एलबम आ चुके हैं और मैं सोलह सिंगरों की आवाज में गा सकती हूं। मैं हिंदी के अलावा, अरेबिक, गुजराती, भोजपुरी और पंजाबी गीत गाए हैं।
 गायकी में स्वर सम्राट मोहम्मद रफी को अपना आदर्श मानने वाली मिलन सिंह को पारंपरिक लोकगीत, वेस्टर्न संगीत, रीमिक्स, गजल, सूफी और भक्ति गीत गाने में भी महारत हासिल है। उन आए ऑडियो एलबमों में रूप एक रंग अनेक, मुझको मेरे बाद जमाना ढूंढेगा, अकेले हैं चले आओ, हे जमालो, चिट्ठी मेरे यार दी, दिल लुटिया नवा, आया तेरे दरबार और झरोखे जन्नत के उल्लेखनीय हैं। आगे की योजनाओं के बारे में बात होती है, तो मिलन कहती हैं, अब मेरा जो एलबम आएगा वह मां दुर्गा पर होगा। उसके बाद आएगा सूफी एलबम।
 
 
 
 
 
 
 
	
	
	
	
	
	
	
	
	
	
	
	
		
		
		
		
			
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